आज बहुत से छात्र छात्राओं के मन में प्रश्न है की what is CBCS Syllabus? ये CBCS यानि Choice Based Credit System क्या है? इसके advantage & disadvatages क्या हैं? क्या यह हमारे लिए बेहतर होगा या नहीं? इन्ही सब प्रश्नों के उत्तर आपको इस article को पढ़ने के बाद प्राप्त होंगे।
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MHRD और UGC ने मिलकर वर्ष २०१९ में निर्णय लिया की छात्रों को मूल विषय के अतरिक्त विषय भी पढ़ाये जाएँ। जिसके लिए CBCS Syllabus यानि Choice Based Credit System लागू किया गया। जिसका मूलमंत्र यह था की छात्रों को रुचिअनुसार रोजगारपरक विषय चुनने की आज़ादी मिल सके। अभी तक BA , BCOM, BSc जैसे विषयों को छात्रों को अपनी पसंद से मूल विषय के अलावा वैकल्पिक और skill enhancement सम्बंधित विषय चुनने की कोई सहूलियत नहीं मिलती थी।
उच्च शिक्षा की पारंपरिक प्रणाली छात्रों को बहुत अधिक गुंजाइश नहीं देती है। पाठ्यक्रम और सामग्री पूर्वनिर्धारित थी, निरर्थक और आज तक नहीं थी। छात्रों को अपने काम के माहौल, व्यवसाय या जीवन में बाद में अपना ज्ञान आधार लागू करने के लिए; पारंपरिक अलग-थलग पाठ्यक्रमों में समकालीन उपयुक्तता का अभाव था।
इस स्थिति से निकलने और शिक्षा को और अधिक skill based बनाने हेतु CBCS Syllabus लाया गया है।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS), एक शिक्षण मंच प्रदान करता है जिसमें छात्र या ज्ञान प्राप्त करने वाले को वैकल्पिक, मूल और सॉफ्ट स्किल पाठ्यक्रमों की सूची से अपना पाठ्यक्रम चुनने की सुविधा होती है। यह उच्च शिक्षा सीखने या प्राप्त करने के लिए एक छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण है।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम न केवल सीखने के अवसरों के लिए रास्ते खोलता है बल्कि सीखने के लक्ष्यों और उद्देश्यों को भी प्रकट करता है। CBCS एक क्रेडिट प्रणाली का अनुसरण करता है जो छात्रों को दिए जाने वाले पाठ्यक्रम घटकों से जुड़ी होती है। उच्च शिक्षा के लिए एक क्रेडिट प्रणाली छात्र के प्रदर्शन, परिणाम, उद्यमिता कौशल, संपर्क घंटे, नवाचार और रचनात्मकता प्रतिभा आदि जैसे विभिन्न मापदंडों को मापती है।
Choice Based Credit System (CBCS) के लाभ (Advantages of CBCS Syllabus):
- छात्र के पास core Course विषय के अतिरिक्त अंतर / बहु-विषयक पाठ्यक्रम भी चुनने का विकल्प है
- व्यक्तिगत छात्र के IQ स्तर के आधार पर; विषय चुनने की आज़ादी है।
- यह समूह कार्य, अनुसंधान और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
- यह सीखने वाले को वॉक-इन / वॉक-आउट दृष्टिकोण के माध्यम से प्रमाणन अर्जित करने की संभावनाएं देता है।
- पाठ्यक्रमों के चुनाव में छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करता है
- छात्र बुनियादी या उन्नत स्तर पर पाठ्यक्रम चुन सकते हैं
- शिक्षार्थियों नौकरी उन्मुख कौशल हासिल करते हैं
- छात्र अपनी रुचिअनुसार चुने हुए क्षेत्र से सम्बंधित विषय की जानकारी हासिल करता है जो उसे भविष्य में लाभदायी होता है।
- ज्यादा पढ़ाकू छात्र अतिरिक्त क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं।
- ग्रेडिंग सिस्टम होने की वजह से आपको पास या फेल होने का भय नही रहता अपितु आपकी योग्यतानुसार ग्रेड प्राप्त होता है।
Complete Meaning Of Choice Based Credit System (CBCS):
Choice Based: मतलब आपको विभिन्न केटेगरी से विषय चुनने की आज़ादी है।
Credit System: 30 hours study = 1 credit. यानि चुने हुए विषय के आधार पर study hours को ध्यान रखते हुए क्रेडिट अवार्ड किया जायेगा.
क्रेडिट की गणना निम्नलिखित घटकों को ध्यान में रखते हुए की जाती है:
व्याख्यान (L) यानि Lecture
ट्यूटोरियल (T ) Tutorial
प्रैक्टिकल (P) Practical & Assignments
Important points About CBCS System:
- यदि छात्र अपने अध्ययन की शाखा को बदलता है, तो क्रेडिट हस्तांतरित किया जा सकता है।
- CBCS संख्यात्मक Marks अंकन से ग्रेडिंग की ओर बढ़ने की दिशा में एक कदम है।
- Grading System “Fail ” होने का भय कम करता है।
- क्रेडिट आधारित ग्रेडिंग प्रणाली को वांछनीय माना जाता है क्योंकि यह देश के भीतर और अन्य देशों में संस्थानों में छात्र गतिशीलता को सुविधाजनक बनाता है। संभावित नियोक्ता इस प्रकार न्यायिक रूप से छात्रों के प्रदर्शन का आकलन कर सकते हैं
Grading Scaling: नीचे दिए गए चार्ट से आप CBCS Pattern का ग्रेडिंग सिस्टम समझ सकते हैं –
Grade | Scale |
O (Outstanding) | 10 |
A+ (Excellent) | 9 |
A (Very Good) | 8 |
B+ (Good) | 7 |
B (Above Average) | 6 |
C (Average) | 5 |
P (Pass) | 4 |
F (Fail) | 0 |
Ab (Absent) | 0 |
CBCS Syllabus के अंतर्गत निम्नलिखित catergories से आप अपने मनपसंद विषय का चुनाव कर सकते हैं –
- Discipline Specific Core Course (DSC)
- Discipline Specific Electives (DSE)
- Ability Enhancement Compulsory Course (AECC)
- Skill Enhancement Course (SEC)
- Generic Electives (GE)
ये पांच वर्ग हैं जिनमे से आप विषय का चुनाव कर पाएंगे। प्रत्येक वर्ग में multiple options उपलब्ध होंगे। इसका मूलभूत उद्देश्य छात्रों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर और व्यावसायिक क्षमता विकसित करना है। CBCS इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तो उम्मीद करते हैं आपको CBCS Syllabus और इसके ग्रेडिंग सिस्टम के बारे में आप समझ चुके होगें। यदि आपके मन में कुछ प्रश्न हैं तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
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