Smart Study Plan- कम समय में कैसे स्टडी प्लान करें – परीक्षा तैयारी की कारगर रणनीति

कैसे करें Smart Study Plan? पढाई का सही तरीका? यह आर्टिकल (लेख) छात्रों के लिए काफी उपयोगी साबित होने वाला है.

इसमें हमने मुख्यतः इन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास किया है –

क्या है पढाई का सही तरीका ?
Smart Study Plan करने का सही तरीका?
कैसे करें दिमाग का चतुर उपयोग?

तो चलिए टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए प्रयास करते है यह खोजने का की क्या है पढाई का सही तरीका?

विचार कीजिये की आप अगले एक सप्ताह के बाद परीक्षा में बैठने जा रहे हैं. और आपको ६ विषयों की परीक्षा देनी है।
तो आप इन दोनों में से कौन सा तरीका अपनाएंगे ?

पहला : एक दिन में एक विषय पढ़ा जाए और सातवें दिन अंतिम रूप से सभी विषय दोहराएं जाये।
दूसरा: सभी विषयों को सयुक्त रूप से पढ़ा जाए यानि की एक घंटा गणित फिर इतिहास और फिर भूगोल आदि।

इसमें से कौन सा तरीका ज्यादा कारगर है इसे समझने के लिए हमें देखना होगा की हमारा दिमाग कैसे काम करता है:-
जब हम कोई खास विषय जैसे की गणित पढ़ते हैं तो दिमाग का एक खास हिस्सा अन्य भाग की अपेक्षा अधिक काम करने लगता है।

और जब कोई अन्य विषय पे जाते है तो दिमाग का दूसरा हिस्सा सक्रिय हो जाता है और गणित पढ़ने वाला भाग आराम करने लग जाता है।

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Smart Study Plan करने का सही तरीका?

एक ही विषय देर तक पढ़ने से एक ही हिस्से पे ज्यादा जोर पड़ता है और बोरियत के साथ साथ थकन भी महसूस होने लगती है। वहीँ दूसरे विकल्प में दिमाग के अलग अलग हिस्से करने का अवसर मिल जाता है।

तो दूसरा तरीका ज्यादा कारगर है। इसके दो फायदे होंगे –

  1. विषय को बदल बदल के पढ़ने से आपकी रूचि बरक़रार रहेगी तथा
  2. आपको पढ़े हुए संस्करण या अध्याय में ज्यादा गैप नहीं होगा इसलिए दोहराना आसान होगा.

पढ़े हुए पाठ को कैसे और कब दोहराएं?

आपको यह स्वीकार करना पड़ेगा की बिना दोहराये आप कोई भी पाठ अधिक समय तक याद नहीं रख पाएंगे।
दोहराएं जरूर लेकिन इसका एक वैज्ञानिक तरीका है। आप इस तरीके से Smart Study Plan करके बेहतर परिणाम ला सकते हैं –
Smart Study Plan Rule No.2: वैज्ञानिक विधि से दोहराना:

यदि हम एक खास विषय को २ घंटे याद करते हैं तो उसे कब दोहराना होगा ? वैज्ञानिक तौर पे कहें तो प्रथम रिविजन २४ घंटे होने तक हो जाना चाहिए। इसके सम्बन्ध पे तर्क इस प्रकार हैं।-

  • विज्ञानानुसार हमारा दिमाग सीखी हुई चीज या सूचना को ८०-१०० प्रतिशत सिर्फ २४ घंटे तक याद रख पाता है।
  • यदि इस दौरान दोहराया न जाए तो भूलने का चक्र शुरू हो जाता है।
  • इसलिए २४ घंटे के अंदर दोहराये।
  • २४ घंटे में दोहरा लिए जाने के बाद सूचना हमारे दिमाग में लगभग ७ दिन तक स्टोर रहेगी.
  • पुनः ७ दिन बाद भूलने का चक्र शुरू हो जायेगा। तो दूसरा रिवीजन ७ दिन के अंदर होना चाहिए।
  • पहला रिवीजन २४ घंटे में और दूसरा ७ दिन के अंदर करने के बाद हमारा दोहराने का समय सिर्फ १० प्रतिशत रह जाता है। यह १० प्रतिशत उस समय का है जो हमने विषय को सीखने में लगाया है।

कैसे करें दिमाग का चतुर उपयोग?

योजनाबद्ध तरीके से पढ़ी हुई व सीखी हुई चीज व विषय, पुनः स्मरण की संभावना में वृद्धि करती है।
दिमाग को हर 40-50 मिनट की पढाई के बाद विश्राम की आवश्यकता होती है और यह विश्राम 10 मिनट का होना चाहिए।
10 मिनट विश्राम का मतलब पूर्ण आराम अन्यथा पढ़ी हुई बातें सूचनाएं दिमाग को उलझाए रखती हैं।

हमें दिमाग को उलझाना नहीं है बल्कि हमें देखना है की कैसे करें दिमाग का चतुर उपयोग। जब आप 40-50 मिनट पढाई के बाद पूर्ण रूप से 10 मिनट आराम करेंगे तो स्मृति पटल पे गड़बड़ी की संभावना नही रहेगी।
विश्राम के दौरान आप प्राणायाम कर सकते हैं या पसंदीदा संगीत भी सुन सकते हैं।

विश्राम कैसे कार्य करता है ?
एक जर्मन शोध के अनुसार किसी भी काम में कुछ समय का विश्राम मनुष्य की पुनः स्मरण क्षमता को बढ़ा देता है अगर योजनाबद्ध तरीके से कार्य को अंजाम दिया गया हो तो –
100% स्मरण मतलब पढाई- फिर विश्राम- फिर पढाई -फिर विश्राम – इस क्रम को जारी रखे।

निष्कर्ष: Smart Study Plan लेख में हमने सीखा की कैसे स्मार्ट स्टडी प्लान करें। इसमें हमने तीन बातें सीखी
१. सभी विषय को सयुक्त रूप से पढ़े – एक एक घंटा करके
२. कब कब पठित विषय को दोहराना है जिससे की भूले न।
३. तीसरा पढाई के दौरान विश्राम कैसे कार्य करता है।

इस तरह के और मेमोरी टिप्स पाने के लिए आप कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें।

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